मगर नेपाली भाषाको कविता मोई ङाई आसीक याहनी (वेगबहादुर आले)

डाबूरूट्की डाबूरूटा मोई नाकोकी पूरूट्की पूरूटा मोई नाकोकी हाडो छाला हीर माडाम चूप्की सम्म चूपा नाकोकी नाकोङन होसे मोलो ल्याक्च झट्केलो मीजाकै । ईला नाकोङ स्वाभीमान कालापानी ड ठोरी खाटा डाबूरूट्न ह्योक्लेसा नाकोङ पौरखको कोशी र काली खाटा जोकाक्न ह्योक्लेसा नाकोङ ईज्जवट ढर्मौ मीआरमीनाङ नाङ्ग्या आहान खाटा योस्न ह्योक्लेसा नाकोङ चीन्डीयाक पाखन्डीकूङ छूम्च कोठाआङ ठून्नContinue reading… मगर नेपाली भाषाको कविता मोई ङाई आसीक याहनी (वेगबहादुर आले)

सरस्वती स्त्रोत्रम्

सरस्वती मया दृष्टा वीणा पुस्तक धारिणी।। हंस वाहन संयुक्ता विद्यादानं करोतु मे।।१।। प्रथमं भारती नाम द्धितीयं च सरस्वती।। तृतीयं शारदा देवी चतुर्थ हंसवाहिनी।।२।। पञ्चमं तु जगन्माता षष्ठं वागीश्वरी तथा।। सप्तमं चैव कौमारी चाष्टमं वरदायिनी।।३।। नवमं बुद्धिदात्री च दशमं ब्रम्हाचारिणी।। एकादशं चन्द्रघण्टा द्वादशं भुवनेश्वरी।।४।। द्वादशै तानि नामानि त्रिसन्ध्यं यः पठेन्नरः।। जिहाग्रे वसते तम्य ब्रम्हारुपा सरस्वती।।५।।

किरात वाम्बुले राई-नेपाली भाषाको कविता – वाम्बिर सुनाखरी (गणेश राई)

आः बैसोल्वाङ ठेभाता ब्वाइनुम वाम्बिर आः पापा-मामाङ बैसो कुर्चो वाम्बिर आः उपो-उमोङ बैसो इबिल्वास बाःम गुप्सो उपो-उमोतिड गुजि उपो-उमोतिड वाम्बिरन्वा आन बैसो याबिमेइ वाम्बिरङा फुरीस्याङ ब्वाइम्मेइ वाःवाःम् निक्खो निक्खो ब्वाइम्मेइ बैसो भोरी भोरी चाप्सि ब्वाइम्मेइ वाम्बिर आन् बैसो- फुरी फुरी दुम्मेइ द्यालपाङसे आन बैसोख्वा कुल्सुमेइ वाम्बिरस्याङ फुरीङ ङाबास्याङ हिनिनिउ हिनिनिउ भाताला सर्गा भाइला च्याङ्माखा खाचिलContinue reading… किरात वाम्बुले राई-नेपाली भाषाको कविता – वाम्बिर सुनाखरी (गणेश राई)

“गिजान बारियाङ म्हे लग्डीसा !” (गणेश ठाडा)

(मगर भाषाको कविता) गिजान बारियाङ म्हे लग्डिसा ढेम्लाक , म्हाक्लाक, वार्लाक, पार्लाक ……………. जोम्छै … जोम्छै । बारीयो छेऊलाक सरिस्नन ले ! वारियो डिलाङ ग्वाजौ मिम लेया, ङौ मनाङ “आइया” डेनाङ लेखा सेया, भर्कि पाच ग्वाजौ मिजा, विचरा जोम्हा अऔला !- होच् वोई – मोई …… इष्ट मित्र, राप्मन ले आउला … छट्पटस्च्यै .. !Continue reading… “गिजान बारियाङ म्हे लग्डीसा !” (गणेश ठाडा)